**राहुल सांकृत्यायन का जीवन परिचय**

राहुल सांकृत्यायन

(Rahul sankrityan)



**राहुल सांकृत्यायन का जीवन परिचय**



.हिंदी के महान उपासक राहुल सांकृत्यायन का जन्म 1893 ईस्वी में ग्राम पनदहा , जिला आजमगढ़ में हुआ था। इनका जन्म इनके नाना पंडित रामशरण पाठक के यहां हुआ था। इनके पिता का नाम पंडित गोवर्धन पांडे था। जोकि एक कट्टरपंथी ब्राह्मण थे।  इनकी माता का नाम कुलवंती देवी था। वह सरल एवं सात्विक विचारों की महिला थी। इनके पिता पंडित गोवर्धन पांडे ने इनका बचपन का नाम केदार पांडे रखा था। 


बाद में बौद्ध धर्म में आस्था होने के कारण इन्होंने महात्मा बुद्ध के पुत्र के नाम पर अपना नाम 'राहुल' रख लिया। संस्कृति गोत्र होने के कारण यह राहुल सांकृत्यायन कहलाए । वाराणसी में इन्होंने संस्कृत की उच्च शिक्षा प्राप्त की। इनके पिता चाहते थे कि यह  आगे पढ़े पर इनका मन कहीं और था इनकी इस प्रवृत्ति का कारण इनके नाना थे जो  सेना में सिपाही  थे और उन्होंने दक्षिण भारत की खूब यात्रा की थी ।इनके नाना द्वारा बचपन में पढ़े गए एक शेर (श्लोक )ने इनके मन में यात्रा प्रेम को अंकुरित कर दिया इस्माइल मेरठी का यह शेर इस प्रकार था 

      'सैर कर दुनिया की गाफिल जिंदगानी फिर कहां ?

           'जिंदगानी गर रही, तो नोजवानी फिर कहां?

बड़े होने पर इनके घुमक्कड़ी जीवन का सूत्रपात हुआ और आगे चलकर उन्होंने बकायदा घुमक्कड़ शास्त्र ही लिख डाला। यह बड़े मुख्य विचार वाले व्यक्ति थे और किसी भी विचारधारा को अपने उद्देश्य प्राप्ति के लिए एक साधन मात्र मानते थे।


राहुल जी को साहित्य लिखने की प्रेरणा पाली और संस्कृत साहित्य के अध्ययन से प्राप्त हुई है। इनके अटूट ज्ञान के कारण ही इन्हें महापंडित कहा जाता है भारत के यह महापंडित 14 अप्रैल 1963 को इस संसार यात्रा को त्याग कर पंच व्रत में लीन हो गए थे राहुल जी का यात्रा विवरण अत्यंत रोचक रोमांचक उत्साहवर्धक और ज्ञान प्रेरक है। इनकी मुख्य जात्रा रचनाएं निम्नलिखित है

मेरी तिब्बत यात्रा मेरी यूरोप यात्रा ,मेरी लद्दाख यात्रा, रूस के 25 मास ,घुमक्कड़ शास्त्र एवं मंगोलिया संबंधित यात्रा वृतांत। 

कृतियां----- राहुल जी ने विभिन्न विषयों पर 150 से अधिक ग्रंथों की रचना की है। इनके प्रकाशित ग्रंथों की संख्या 129 है इनमें धर्म,-दर्शन, लोक साहित्य ,यात्रा साहित्य ,जीवनी ,राजनीति, इतिहास ,संस्कृत ग्रंथों की टिकाए,कोसग्रंथ आदि प्रमुख है।


 कहानी----- सतमी के बच्चे, वोल्गा से गंगा, बहुरंगी मधुपुरी ,कनैल की कथा।



उपन्यास----- जीने के लिए,जय योधेय, सिंह सेनापति, मधुर स्वपन, विस्मृत यात्रा,सप्त सिंधु।



आत्मकथा----- मेरी जीवन यात्रा। 



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