*डॉ संपूर्णानंद का जीवन परिचय**

 डॉक्टर संपूर्णानंद

.Dr. Sampurnanand



**डॉ संपूर्णानंद का जीवन परिचय**

डॉ.संपूर्णानंद का जन्म 1 जनवरी 1890 ईसवी में काशी के एक संपन्न परिवार में हुआ था।


कवींस कॉलेज वाराणसी से B,S,C करने के पश्चात, यह प्रेम महाविद्यालय वृंदावन के अध्यापक रहे, फिर डूंगर कॉलेज बीकानेर के प्रिंसिपल हुए। 1921 ईस्वी में गांधीजी के राष्ट्रीय आंदोलन से प्रेरित होकर यह काशी वापस लौट गए और ज्ञान मंडल में काम करने लगे इन्होंने मर्यादा (मासिक) तथा टुडे (अंग्रेजी दैनिक) का संपादन भी किया।

संपूर्णानंद जी वर्ष 1936 ईस्वी में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा के सदस्य बने फिर 1937 में कांग्रेस मंत्रिमंडल गठित होने पर यह शिक्षा मंत्री नियुक्त हुए।

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 1955 ईस्वी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने फिर 1962 में राजस्थान के राज्यपाल बने।

10 जनवरी 1969 को इस महान साहित्य तपस्वी का काशी में स्वर्गवास हो गया।





कृतियां---- डॉ संपूर्णानंद ने विविध विषयों पर उच्च कोटि के ग्रंथों और निबंधो की रचना की है। उनकी मुख्य कृतियां  निम्नलिखित है। 

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निबंध- संग्रह---- भाषा शक्ति, पृथ्वी के सप्तऋष मंडल,अंतरिक्ष यात्रा।




जीवनी--- देशबंधु चितरंजनदास ,महात्मा गांधी आदि। 



संपादन---- मर्यादा (मासिक) 'टुडे' अंग्रेजी दैनिक।



कुछ प्रमुख रचनाएं--- व्रात्य कांड ,भारतीय सृष्टि कर्म विचार, हिंदू देव परिवार का विकास सुविधा वेदार्थ प्रवेशिका, भाषा की शक्ति, अधूरी क्रांति आदि।



भाषा शैली---- डॉक्टर संपूर्णानंद गंभीर विषय पर लेखनी चलाने वाले विद्वान लेखक रहे हैं। अतः उनकी भाषा शैली प्रोढ और गंभीर है। सामान्यत उनकी भाषा शैली में निम्नलिखित विशेषताएं दृष्टिगोचर होती है ।

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