शीत युद्ध के दौरान कौन-कौन से संकट आए समझाइए

 शीत युद्ध के दौरान कौन-कौन से संकट आए समझाइए


शीत युद्ध के दौरान अनेक संकट सामने आए क्यूबा मिसाइल संकट इनमें से एक था शीत युद्ध के दौरान खूनी लड़ाई भी हुई हालांकि इन संकटों और लड़ाई ओ की परिणति तीसरे विश्व युद्ध के रूप में नहीं हुई दोनों महाशक्तिशाली कोरिया 1950 से 1953 वर्ल्ड इन 1958 से 1962 कांगो 1960 के दशक की शुरुआत और उसके अन्य जगहों पर सीधे-सीधे मुठभेड़ की स्थिति में आ चुकी थी संकट गहराता गया क्योंकि दोनों में से कोई भी पक्ष बिछड़ने के लिए तैयार नहीं था जब हम शीत युद्ध के दायरे की बात करते हैं तो हमारा आशिया ऐसे अ क्षेत्रों से होता है जहां विरोधी खेमों में बटे देशों के बीच संकट के अवसर आए युद्ध हुए या इनके होने की संभावना बनी लेकिन बातें एक सीमा से ज्यादा नहीं बड़ी कोरिया वियतनाम और अफगानिस्तान जैसे कुछ क्षेत्रों में व्यापक जनहानि हुई लेकिन विश्व परमाणु युद्ध से बचा रहा और वैमनस्य विश्वव्यापी नहीं हो पाया कई बार ऐसे अवसर आए जब दोनों महाशक्ति के बीच राजनयिक संवाद जारी नहीं रह पाया और इससे दोनों के बीच गलतफहमियां बड़ी  ।

ऐसे कई मौके आए जब शीत युद्ध के संघर्षों और कुछ गहन संकट को टालने में दोनों घुटनों से बाहर के देशों ने कारगर भूमिका निभाई इस संदर्भ में गुटनिरपेक्ष देशों की भूमिका उल्लेखनीय रही है ।

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