महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) *** महादेवी वर्मा का जीवन परिचय *** महादेवी वर्मा का जन्म कब हुआ *** महादेवी वर्मा का जन्म फर्रुखाबाद के एक शिक्षित परिवार में सन 1907 ईसवी में होलिका दहन के दिन हुआ था। इनके पिता का नाम श्री गोविंद प्रसाद वर्मा था। जोकि भागलपुर के एक कॉलेज के प्रधानाचार्य थे। इनकी माता का नाम हेमरानी था। जोकि परम विदुषी धार्मिक महिला थी। इनके नाना ब्रजभाषा के एक अच्छे कवि थे इन सब का महादेवी वर्मा पर बहुत ही प्रभाव पड़ा और अंत में वह एक प्रसिद्ध कवित्री था एक प्रधानाचार्य के रूप में प्रतिष्ठित हुई। इन्होंने प्राथमिक शिक्षा इंदौर में तथा उच्च शिक्षा प्रयाग में प्राप्त की। संस्कृत में M.A. करने के बाद यह प्रयाग महिला विद्यापीठ में प्रधानाचार्य पद पर रही। इनका विवाह 9 वर्ष की अल्पायु में ही हो गया था। इनके पति का नाम रूपनारायण सिंह था जोकि एक डॉक्टर थे। परंतु इनका दांपत्य जीवन सफल नहीं था। विवाह के बाद भी इन्होंने F.A, B.A तथा M.A की परीक्षा उत्तीण की। महादेवी वर्मा जी ने घर पर ही चित्...
महादेवी वर्मा ( mahadevi varma ) महादेवी वर्मा का साहित्य परिचय महादेवी वर्मा का जन्म कब हुआ ---- . महादेवी वर्मा का जन्म सन 1907 में उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद शहर में हुआ था। इनके पिता का नाम गोविंद सहाय था । . साहित्यिक परिचय ----महादेवी वर्मा साहित्य और संगीत के अलावा चित्रकला में भी रुचि रखती थी।इनकी साहित्य साधना के लिए भारत सरकार ने इन्हें पदम भूषण से सम्मानित किया। इन्हें इनकी एक ग्रंथ यामा पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ। इन्हें हिंदी के आधुनिक युग की मीरा भी कहा जाता है। कृतियां ----इनकी प्रमुख कृतियां निम्नलिखित है। निहार ,रश्मि ,दीपशिखा, यामां ,मेरा परिवार आदि। रचनाएं ---अतीत के चलचित्र, स्मृति की रेखाएं ,श्रंखला की कड़ियां आदिि। भाषा शैली ----महादेवी वर्मा ने सरल और तत्सम प्रधान खड़ी बोली का प्रयोग किया है इनकी भाषा शैली में सरलता तथा स्पष्टता पाई जाती है। हिंदी साहित्य में स्थान ----महादेवी वर्मा को हिंदी साहित्य में आधुनिक युग की मीरा माना जाता है। हिंदी के रहस्यवादी कवियों में इनका स्थान सर्वोपरि है। ** इन का देहांत 11 सितंबर 1987 ...
वासुदेव शरण अग्रवाल का जीवन परिचय डॉ वासुदेव शरण अग्रवाल का जन्म 1904 ईसवी में मेरठ के खेड़ा गांव में हुआ था इनके माता-पिता लखनऊ में रहते थे और इनका बचपन भी लखनऊ में ही व्यतीत हुआ था काशी हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद में पी.एच.डी तथा डि.लीट की उपाधि लखनऊ विश्वविद्यालय से प्राप्त की,उन्होंने घर पर ही पाली संस्कृत अंग्रेजी भाषाओं का गहन अध्ययन कियाकाशी विश्वविद्यालय के भारतीय महाविद्यालय में पुरातत्व एवं प्राचीन इतिहास विभाग के अध्यक्ष रहे,!वासुदेव शरण अग्रवाल दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय के भी अध्यक्ष रहे, हिंदी की इस महान विभूति का वर्ष 1967 ईस्वी में स्वर्गवास हो गया था ! कृतियां ----डॉ वासुदेव शरण अग्रवाल ने निबंध ,शोध एवं संपादन के क्षेत्र में बहुत से कार्य किए हैं ! इनकी प्रमुख रचनाएं निम्नलिखित है 1.. निबंध - संग्रह -- --'पृथ्वी पुत्र', कल्पलता ,कला और संस्कृति, भारत की एकता,कल्पवृक्ष,माता भूमि आदि इनके प्रसिद्ध निबंध संग्रह है ! 2.. शोध प्रबंध -----पाणिनिकालीन भारत वर्ष ! 3.. आलोचना-ग्रंथ ---पद्मावत की संजीवनी व्...
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